भारत की पहली गहरी समुद्री खनिज नीलामी: सपने या संघर्ष? प्रस्तावना :- हाल ही में भारत ने गहरी समुद्री (deep-sea) खनिजों के लिए 13 ब्लॉक्स की नीलामी की तैयारी की थी — जिनमें कोबाल्ट, कॉपर, मैंगनीज और निकल जैसे महत्वपूर्ण खनिज शामिल हैं। यह कदम इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), अक्षय ऊर्जा, रक्षा तकनीक आदि में आत्मनिर्भरता बढ़ाने का विचार लिए था। पर इस नीलामी को अब अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दिया गया है, क्योंकि बोलीदाता अपेक्षानुसार न आए। यह नीलामी केवल आर्थिक आय का स्रोत नहीं है — यह भारत की नीति, पर्यावरणीय प्रतिबद्धताएँ, समुद्री सुरक्षा और वैश्विक शक्ति संतुलन (geopolitics) से जुड़ी एक जटिल लड़ाई है। इस लेख में, हम इसके पीछे की गंभीर चुनौतियों, अवसरों और विवादों की पड़ताल करेंगे। गहरी समुद्री खनिज क्यों महत्वपूर्ण हैं? 1. रणनीतिक आवश्यकताएँ इलेक्ट्रिक वाहनों के बैटरी निर्माण के लिए कोबाल्ट, निकल इत्यादि की जरूरत होती है। ये संसाधन भारत को विदेशी निर्भरता से मुक्त कर सकते हैं। रक्षा और एयरोस्पेस उपकरणों में उच्च तकनीक सामग्री (high-end alloys) में इन खनिजों की भूमिका है। 2. आपूर्ति श्र...
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